बेरियाट्रिक सर्जरी की सफल कहानी
एक छोटी सी सर्जरी से तमाम तरह की गंभीर बीमारियों और लाचारी से छुटकारा मिल जाए तो यह बात जरा कम ही हजम होगी लेकिन यह सौ फीसदी यकीन दिलाने वाली है। एक लाचार महिला जो 5 मिनट खडी नही रह सकती थी, जिसे कई तरह की गंभीर बीमारियों ने घेर लिया था महज एक सर्जरी ने उसे जीवन जीने की आजादी दे दी।
गुजरात के आणंद जिले के छोटे से गांव तारापुर की रहने वाली खातिजा बानो की यह कहानी हकीकत है। खातिजा बानो 5 मिनट के लिये भी खडी नही रह सकती थी फिर चलने-फिरने के बारे में तो सोचना भी बेमानी था। सांस फूलने लगती थी। झुकना नामुमकीन हो गया था। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करना संभव ही नही था। मोटापे ने उन्हे लोगो के रहम की वजह बना दिया था। घुटनों ने घुटने टेक दिये थे। उनका वजन 105 किलो हो चुका था। मोटापे की वजह से घर का कोई काम नही कर पाती थीं। गुस्सा इस कदर आता था कि मानो आग बरस पडी हो। खातिजा बानो को सबसे बुरा उस वक्त लगा जब एक शादी में ननदोई ने भरे परिवार में उनके मोटापे की हंसी उडाई थी। तभी ठान लिया था कि कैसे भी हो मोटापे से तो जंग लडना ही पडेगी।
खातिजा बानो का वजन एक एक्सीडेंट के बाद अचानक बढने लगा था। 52 साल की खातिजा की शादी साल 1983 में हुई थी। उस वक्त उनका वजन महज 40 किलो था लेकिन एक्सीडेंट के बाद वजन ऐसा बढा कि रुकने का नाम ही नही लिया। खातिजा ने कई कोशिशें की लेकिन सब की सब नाकाम साबित हुई।
खातिजा बानो के पति होटल कारोबारी हैं। कुछ लोगो ने उन्हे इंदौर के मोहक अस्पताल का पता बताया। वे यहां आईं और ख्यातनाम बेरियाट्रिक सर्जन डॉ मोहित भंडारी से मिलीं और उन्होने चुटकियों में उनकी सर्जरी कर दी। सर्जरी के कुछ दिनो बाद ही खातिजा बानो का वजन तेजी से घटने लगा। एक साल में खातिजा बानो का वजन 105 से घटकर 68 किलो हो चुका है। अब उनकी जिंदगी की सारी खुशियां लौट आई है। अब वे अपने पैरों पर खडी होकर कई किलोमीटर तक चल सकती है। शुगर की बीमारी भी पूरी तरह खत्म हो चुकी है। खातिजा बानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। कुल मिलाकर जैसा दिल चाहे अब वो वैसा ही करती है।